Friday, September 13, 2019

Love

उसने कहा तुम खूबसूरत हो,
तब जब पीरियड्स के दर्द से मेरी कमर झुकी थी।
दिन भर काम करके मैं थकान से हलकान थी।

उसने फिर कहा तू सबसे हसीं है,
तब जब मुझे वैक्स कराए दो महीने हो गए थे।
उसे मेरा ड्रेसिंग सेंस भाया तब जब मैं खुद से खफा थी।

बिन काजल सबको लगता है बीमार हूँ मैं पर उसे इन आँखो में बिना बाउंड्री की झील नजर आई।

चेहरे पर उभरे उस एक पिम्पल में उसे मेरी खूबसूरती का पहरेदार नजर आया।

उन बेतरतीब बढ़े नाखूनों में उसे गन्दगी से ज्यादा
मेरी व्यस्तता की मजबूरी समझ आई।

जब वो बाहों में समाया तो लगा कायनात सिमट आई
यों परिचित लगा वह स्पर्श जैसे जन्म जन्मांतर उसी की कामना थी।

क्योंकि उसे मैं तब खूबसूरत नजर आई जब
खूबसूरती मेरी बिछड़ी एक सखी थी।

- आशिता

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