जब भी वो हंसता होगा,
सबको दीवाना करता होगा.
मुझ को तन्हा किया है,
तडफता वो खुद भी होगा.
जमाने से देखा नहीं उसको,
जाने वो कैसा होगा.
जिन गालों को चूमा था मैंने,
उनको अब भी छूता होगा.
सुन कर मेरा नाम शायद,
एक बार तो वो चौंकता होगा.
लाल जोड़े में सजी मेरे साथ,
कटार लिए वो कैसा लगता होगा.
शायद मुझसे वापस मिला दे,
ऐसी कोई लकीर हाथ में खोजता होगा.
अपने बाल बिखर जाने पर,
मुझ पर बरसने को मचलता होगा.
अकेले पड़ जाने पर, थक जाने पर,
कभी तो मुझे याद करता ही होगा.
जाने वो अब कैसा होगा
जाने वो अब कैसा होगा
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