कुछ बदल गयी हूं मैं,
कुछ निखर गयी हूं मैं।
सब कहते है, मेरी आंखे बोलने लगी है।
सब कहते है, मेरी रंगत कुछ निखरने लगी है।
सब कहते है, मेरी मुस्कान कुछ कहने लगी है।
सब कहते है, मेरे कदम हर पल थिरकने लगे है।
कुछ बदल गयी हूं मैं,
कुछ निखर गयी हूं मैं।
सब कहते है, हंसती हूं अब बिन बात मैं।
सब कहते है, गाती हूं अब हर राग मैं।
सब कहते है, झूमती हूं अब हर पल मैं।
सब कहते है, नाचती हूं अब हर ताल मैं।
कुछ बदल गयी हूं मैं,
कुछ निखर गयी हूं मैं।
लगता है,
तू लौट आया है, अब।
No comments:
Post a Comment