पता था मुझे,
एक दिन,
तुम दूर हो जाओगे मुझसे.
नहीं रहोगे,
मेरी बाहों में, पहले की तरह.
एक दिन,
हर वादा, हर कसम भूल कर
फेर लोगे पीठ,
मेरे चेहरे की तरफ.
जिंदगी अब भी वैसी ही है जैसी तब थी
हां, अब तुम्हारा स्पर्श नहीं,
सुबह उठाने वाली तुम्हारी आवाज नहीं,
थकान मिटाने वाली तुम्हारी मुस्कान नहीं,
दिल को छू जाने वाले तुम्हारी कोई बात नहीं।
अब भी,
बारिश भिगोती होगी तुम्हारे बाल
सूरज चमकाता होगा तुम्हारा लालट
हवा गुनगुनाती होगी तुम्हारे साथ
दीपक मिटाता होगा अंधेरे का एहसास
फूल अब भी खिलते होंगे तुम्हारे बगीचे में
धूप अब भी बिखरती होगी तुम्हारे आँगन में
फिजा अब भी रंगीन होगी तुम्हारी महफ़िल में
इन्द्रधनुष अब भी निकलता होगा तुम्हारे आसमान में
बस
मेरी पलखों पर नहीं है छुअन तुम्हारे होंठों की
मेरे बालों में नहीं अटकती उंगलियां तुम्हारे हाथों की
मेरे होठों पर नहीं बजती बंसी तेरे गीतों की
मेरे हाथों से नहीं पकती रोटी तेरे नाम की
फिर भी
बची है एक स्मृति
उन रातों की याद
जीवन रुका नहीं है
जीवन रुकता नहीं है
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