Tuesday, May 5, 2015

सचिन तेंदुलकर Sachin Tendulkar

 
दिल चाहता है
 इक बार फिर से वो समा हो
 बस वही तू हो वही में हूँ
 एक अपर कट सिक्स हो
 कुछ पुल शॉट हो
 गली में तेरी बाल सुलभ मुस्कान हो
 गोल टोपी में छिपा तेरा मुखड़ा हो
 और तुझे देख कर मुस्कुराती करोड़ों नजरे हो।
सचिन सचिन की आवाजे हो
 चेहरे के वो उतरते चढ़ते भाव हो
 नफरत भुला कर गले लगते लोग हो
 मिठाई खा दिवाली मनाता मुसलमान हो
 गले मिल ईद मनाता हिन्दू हो।
विराट और रैना में तुझे खोजने की
 कोई कोशिश न हो
 फिर कोई सौवा शतक हो
 छोटे कद का बड़ा सा कैच हो
 न बॉल टेम्परिंग हो न स्लेजिंग हो
बस आँखों में कुछ अंगार हो
 आसमान में उठी कृतग्य नजरे हो
 एम आर एफ का बल्ला हो
 तिरंगे वाला हेलमेट हो
न गुस्सा हो न गालियाँ हो
 किताब से निकला शॉट साकार हो
 फिर तुझ सा बनने का अरमा हो
 फिर एक शतक की और तमन्ना हो
बस तू हो
 फिर से हो
 और हो
 सच्चिन सच्चिन सच्चिन
©आशिता दाधीच
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