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Friday, March 9, 2012

Rahul Dravid ; The true gentleman of the gentlemen's game



राहुल द्रविड़ सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि क्रिकेट की परिभाषा हैं. भाग्यशाली हैं वे लोग जिन्होंने द्रविड़ की बल्लेबाजी देखी हैं. ऐसा कलात्मक बल्लेबाज सदियों में एक बार होता हैं और फिर कई सदियों तक याद रखा जाता हैं. जब जब राहुल मैदान पर जमें रहे सामने वाली टीम के हौसले टूटते रहे. जब तक वे क्रीज पर रहते भारतीय टीम से हार दूर ही रहती थी. द्रविड़ असीमित प्रतिभा के स्वामी हैं उनका स्टेमिना अद्भुत था. वे घंटो नहीं दिनों मैदान पर बिता दिया करते थे. कौनसा ऐसा क्रिकेट प्रेमी होगा जो लक्ष्मण के साथ उनकी ऑस्ट्रेलिया के विरुध्ध की गई उनकी मैराथन सांझेदारी को भूल सकेगा.


    प्रिय राहुल,
आपको एक शब्द में परिभाषित करना कठिन ही नहीं असंभव हैं. लेकिन फिर भी मैं एक नाकाम सी कोशिश करना चाहूंगी. 
जब भी कोई बड़ा क्रिकेटर और खिलाड़ी अपने खेल को अलविदा कहता हैं तो उनकी तारीफ की  जाती हैं. उनकी  प्रशंसा में गीत गाये जाते हैं. लेकिन जिस तरह से आज तुमने संन्यास लिया क्या वह तुम्हारे लायक था. क्या हम दर्शकों का यह हक नहीं था कि हम तुम्हारी उस आखरी टेस्ट पारी को अपनी आँखों में बसा सके. जब तुम वापस पवेलियन की  तरह बढ़ो तो हम खड़े होकर तालियाँ बजा सके. 
मुझे आशाए थी तुमसे कि तुम्हारा आखरी टेस्ट यादगार होगा....भज्जी..युवी..माही...सुरेश और विराट तुम्हे अपने कंधो पर उठाकर मैदान के चक्कर लगाएंगे. अपनी पत्नी डॉ विजेता और बच्चों के साथ तुम मैदान में खड़े  होकर गर्व से अलविदा कहोगे. स्टेंड में तालियाँ होगी और तुम्हारे चेहरे पर लंबी पारी खेलने के बाद आया पसीना और गर्व की रेखाएं. मैच के बाद कमेंटेटर्स के साथ बात करते हुए तुम्हारी आँखों में कुछ नमी होगी लेकिन शायद उपरवाले को कुछ और ही मंजूर था. ये सब वैसे नहीं हुआ जैसे हमने सोचा था.. तुम्हारी विजय यात्रा को मंजिल मिली भी तो एन चिन्नास्वामी स्टेडियम से, वही जगह जहाँ से तुम दुनिया जीतने निकले थे. 
वह जगह जहाँ तुमने बल्ला उठाना सिखा था उसी जगह को तुमने बल्ला टांगने के लिये चुना. लेकिन जब जब कलात्मक खेल की बात होगी तुम्हारा नाम ही सबसे ऊपर होगा... आने  वाली ना जाने कितनी पीढियां तुम से प्रेरणा लेगी ....और ना सिर्फ क्रिकेट की ही क्यू एक अच्छा इंसान बनने की  भी. एक सच्चा और ईमानदार व्यक्तित्व बनने की....
मैं निश्चित हूँ कि तुम इस खेल से ऊबे नहीं  थे, यह तो तुम्हारा प्यार था जिसे तुमने  इतना प्यार दिया अपना सब कुछ सींच कर, कि ना जाने कितनो को भी इस खेल से प्यार हो गया. अद्भुत जीजीविषा है तुममे. हार को जीत में बदलने की, हर घड़ी, हर पल संघर्ष करने की. असीमित धैर्य और अपरिमित शक्ति के स्वामी हो तुम. लेकिन किसी विवाद में पडना नहीं सिखा तुमने...राहुल उस खेल के सम्राट हैं जिसे भारत में धर्म माना जाता हैं जहा बहकने के हजारों रास्ते हैं परन्तु फिर भी द्रविड़ हमेशा स्थिर और स्थितप्रग्य देखे गए. 
वे इतने साधारण हैं कि यही बात उन्हें आसाधारण बनाती हैं. उनकी वह सहज मुस्कराहट किसी को भी अपना बना लेने  के लिये काफी हैं. 
मैं हमेशा उनको एक ऑल राउंडर के रूप में गिनना पसंद करुँगी... दो हजार तीन विश्वकप फाईनल में पहुँचने वाली टीम में राहुल ही विकेट कीपर थे. तो उनके द्वारा गेंदबाजी के भी कुछ ओवर डाले गए थे और सफलता पूर्वक विकेट भी लिये गए थे. शोर्ट लेग पर सबसे अच्छे फिल्डर भी राहुल ही रहे. याद कीजिये कोलकाता कई वह एतिहासिक पारी. यही नहीं तीन नम्बार पर बल्लेबाजी करने वाले द्रविड़ ने वक्त पड़ने पर छह नंबर पर आकर भी बल्ला घुमाया हैं,.विपक्षी टीम के गेंदबाज गेंदे फेक फेक कर थक गए लेकिन द्रविड़ के कई बार पूरा पूरा दिन क्रीज पर बिताया. एक शुद्ध भू वैज्ञानिक कई तरह हर बार तुमने क्रीज को पढ़ा उसे समझा और विपक्षियो को समझाया की खेल क्या होता हैं . 
जब भी भविष्य इतिहास के महानतम खिलाडियों को याद करेगा तो सुनील गावस्कर, कपिल के साथ तुम्हारा नाम गर्व से लिया जाएगा. हम भाग्यशाली हैं राहुल जिसने तुम्हारे खेल को देखा. 
नहीं जानती मैं कि अब तुम्हारे बिन भारतीय टीम मुसीबतों में टेस्ट के पांच दिनों तक कैसे जूझ पायेगी, कठिन से कठिन पिच पर पहला विकेट गिर जाने पर भी हम विचलित नहीं होते थे क्योकि नंबर तीन पर हमारे राहुल हर मुसीबत से लड़ने और पछाड़ने को तैयार होते थे. घंटो चलने वाली तुम्हारी पारी को देखना जिंदगी से सबसे अनमोल सुखो में से एक हैं. मुझे नफरत होती थी उन हाईलाईट्स से जिनमे  सिर्फ चौके और छक्के दिखाए जाते थे. सिर्फ इसलिए क्योकि मैं तुम्हारी कलात्मक पारी की दीवानी थी... आज भी आज हैं मुझे पकिस्तान का दौरा एक घंटे बाद मेरी दसवी बोर्ड कई परीक्षा थी लेकिन मैं तुम्हे देख रही थी, क्रिकेट हमेशा से मेरे हर तनाव को ध्वस्त करता आया हैं. और इसी ने मुझे प्रेरणा दी लड़  जाओ..दम लगाकर लड़ो जीत जरुर मिलेगी. 

शुक्रिया राहुल 
प्रेम, स्नेह और आदर के साथ 


साथी और पूर्व दिग्गजों की  प्रतिक्रियाएं ...

सचिन तेंडुलकर

क्रिकेट जगत में राहुल द्रविड़ जैसा खिलाड़ी कोई दूसरा नहीं है। मैं उन्हें ड्रेसिंग रूम में मिस करूंगा। साथ ही मैदान पर बल्लेबाजी करते हुए भी उनकी कमी बहुत खलेगी। उनके जैसे दिग्गज बल्लेबाज की तारीफ के लिए शब्द हमेशा कम ही रहेंगे।

वीवीएस लक्ष्मण

द्रविड़ की बल्लेबाजी की सबसे बड़ी खूबी प्रदर्शन में निरंतरता रही है। मैं हमेशा से उनकी इस खूबी का प्रशंसक रहा हूं और इससे सीख लेता रहता हूं। उनके साथ बल्लेबाजी करने से मेरे प्रदर्शन में भी निखार आता है। उनके साथ मैदान पर बल्लेबाजी करना वाकई गर्व की बात है।

सौरव गांगुली

द्रविड़ हर क्षेत्र में चैंपियन हैं। मैं उनका बड़ा प्रशंसक हूं। उनका जिंदगी की तरफ नजरिया बहुत प्रभावशाली है।

जवगल श्रीनाथ

मैंने कभी द्रविड़ को अपना आपा खोते हुए नहीं देखा। वो अपनी कुंठा को सिर्फ अपने तक ही सीमित रखते हैं। वो भारतीय टीम के सबसे ज्यादा मेहनती खिलाड़ी हैं।

ग्लेन मैक्ग्राथ

द्रविड़ एक क्लासिक खिलाड़ी हैं। वो उन बल्लेबाजों में से नहीं हैं जो कि हर गेंद पर रन बनाना चाहते हैं। ना ही उनकी बल्लेबाजी तकनीक में कोई खामी है। वो मानसिक रूप से बेहद मजबूत हैं। यदि आप द्रविड़ का आउट करना चाहते हैं तो शुरुआत से ही प्रयास करना होगा। यदि वो एक बार पिच पर जम गए तो उन्हें आउट करना बेहद मुश्किल होता है।

शोएब अख्तर

सचिन तेंडुलकर एक महान खिलाड़ी हैं। लेकिन मेरे लिए द्रविड़ को आउट करना हमेशा से ज्यादा बड़ी चुनौती रही है। उनका डिफेंस बहुत अच्छा है और वो अन्य बल्लेबाजों की तुलना में कम शॉट खेलते हैं। 

ब्रायन लारा

यदि मुझे अपनी जिंदगी के लिए किसी को बल्लेबाजी के लिए उतारना है तो मैं राहुल द्रविड़ या जैक कैलिस को उतारूंगा।

इयान चैपल

आपकी टीम यदि मुश्किल में है तो आप किस पर भरोसा करेंगे? राहुल द्रविड़ पर।

ज्यॉफ बॉयकॉट

उनका नाम  द वॉल है। किसी को यदि क्रिकेट सीखना है तो उसे द्रविड़ की बल्लेबाजी देखनी चाहिए। उन्हें बल्लेबाजी से प्यार है और वो निरंतर बल्लेबाजी कर सकते हैं। एक अच्छा और एक महान खिलाड़ी होने में अंतर होता है। द्रविड़ वाकई महान खिलाड़ी हैं।
हर्ष भोगले 
अगर टीम के लिये पानी पर भी चला पड़े तो द्रविड़ हिचकिचाएंगे नहीं वे सिर्फ वे पूछेंगे कि कितने किलोमीटर चलना हैं. 

नवजोत सिंह सिद्धू
राहुल टीम के हित में कांच के टुकडो पर भी चल के दिखा सकते हैं.