क्या दौर था वो जब हुआ करते थे हम करीब
फिर आया वो दौर जब से न मिले है हम
ना बोलते है हम
क्या गलत था
मैं
तुम या
हमारे अहम
कई बार चाहा कि गिर जाएँ ये दीवारें
तोड़ दी जाए बर्फ की वह दिवार
पर हिम्मत ही ना हो पाई कभी
और यह भी लगा कि शायद
तुम्हे ही नहीं पसंद मेरा साथ
नहीं तो करते तुम भी कोई पहल
तुम्हारा साथ
जो था मेरे जीवन की सबसे अमूल्य थाती
तुममे मेरा बेस्ट फ्रेंड भी था, पिता भी भाई भी,
और तुम जैसा ही चाहती थी मैं अपने जीवन का साथी,
कैसे समझाऊ तुम्हे कितने ख़ास हो तुम,
दिल के कितने पास हो तुम,
मत पूछो मुझसे कैसी हूँ मैं,
पर हर दस पंद्रह दिन में जता दिया करों
कैसे हो तुम,
यह जानना तो हक़ है ना मेरा
क्युकिँ एक दौर में कहते थे तुम
मैं सबसे करीब हूँ तुम्हारे,
मुझे खुश देखना चाहते हो तुम.
तो बस मुस्कुरा दिया क्रौन एक बार मेरी ओर
हो जाएगा करूंगी मैं ठीक,
जिंदगी की भाग दौड़ के बीच
उतार चढाव और थकान के बीच.
शायद हमारी किस्मतों में नहीं है कोई अंजाम
पर छोड़ा गया जिस मोड़ पर सबकुछ वह भी तो नहीं था उतना ख़ास.
एक याद एक कसक तुम्हारे वजूद की आज भी है मेरी साँसों के दरमियान
हर ख़ुशी में हर गम में तेरी रिक्क्ता का वह एहसास।
फिर आया वो दौर जब से न मिले है हम
ना बोलते है हम
क्या गलत था
मैं
तुम या
हमारे अहम
कई बार चाहा कि गिर जाएँ ये दीवारें
तोड़ दी जाए बर्फ की वह दिवार
पर हिम्मत ही ना हो पाई कभी
और यह भी लगा कि शायद
तुम्हे ही नहीं पसंद मेरा साथ
नहीं तो करते तुम भी कोई पहल
तुम्हारा साथ
जो था मेरे जीवन की सबसे अमूल्य थाती
तुममे मेरा बेस्ट फ्रेंड भी था, पिता भी भाई भी,
और तुम जैसा ही चाहती थी मैं अपने जीवन का साथी,
कैसे समझाऊ तुम्हे कितने ख़ास हो तुम,
दिल के कितने पास हो तुम,
मत पूछो मुझसे कैसी हूँ मैं,
पर हर दस पंद्रह दिन में जता दिया करों
कैसे हो तुम,
यह जानना तो हक़ है ना मेरा
क्युकिँ एक दौर में कहते थे तुम
मैं सबसे करीब हूँ तुम्हारे,
मुझे खुश देखना चाहते हो तुम.
तो बस मुस्कुरा दिया क्रौन एक बार मेरी ओर
हो जाएगा करूंगी मैं ठीक,
जिंदगी की भाग दौड़ के बीच
उतार चढाव और थकान के बीच.
शायद हमारी किस्मतों में नहीं है कोई अंजाम
पर छोड़ा गया जिस मोड़ पर सबकुछ वह भी तो नहीं था उतना ख़ास.
एक याद एक कसक तुम्हारे वजूद की आज भी है मेरी साँसों के दरमियान
हर ख़ुशी में हर गम में तेरी रिक्क्ता का वह एहसास।